उत्कृष्ट- आत्मा का आकार शरीर के आकार से तीन गुणा तक हो जाता है ।
निगोदिया जीवों में यह तीन गुणा नहीं बढ़ता है ।
जघन्य- एक दो प्रदेश तक वेदना- समुदघात होता है ।
यह तीव्र वेदना के समय ही होता है ।
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