उपगूहन / स्थितिकरण

क्या ये दोनों एक साथ हो सकते हैं ?
बेटे ने चोरी की, पड़ौसी ने शिकायत की, पिता ने स्वीकारा नहीं – उपगूहन ।
घर आकर तब तक पिटाई की, जब तक दुबारा चोरी न करने का संकल्प न लिया – स्थितिकरण ।
पहले उपगूहन, फिर स्थितिकरण ।

श्रवण परम्परा – II

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One Response

  1. उपगूहन का तात्पर्य मोक्ष मार्ग पर चलने वाले साधक के द्वारा अज्ञानतावश या असमर्थतावश यदि गलती हो जाती है, उसे ढक लेना या यथासंभव उसे दूर करना कहलाता है।
    स्थितिकरण का मतलब धर्म में विचलित होता है तो जीवों या स्वयं को धर्म में पुनः दृढ़ करना होता है। उक्त परिभाषाओं से दोनों एक साथ हो सकते हैं ।
    अतः उपरोक्त उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।

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