यदि कोई नहीं सुधरता, छोड़ दें ।
पर किसी को बिगाड़ने (आदतें खराब करके) में निमित्त तो ना बनें ।
चिंतन
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उपरोक्त कथन सत्य है कि यदि कोई सुधरता नहीं है, उसे उसके हाल पर छोड़ दें , लेकिन उसको बिगाड़ने यानी खराब आदतें के लिए कभी निमित्त नहीं बनना चाहिए। जीवन में अपना सुधारने का प्रयास करते रहना चाहिए ताकि कल्याण हो सकता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि यदि कोई सुधरता नहीं है, उसे उसके हाल पर छोड़ दें , लेकिन उसको बिगाड़ने यानी खराब आदतें के लिए कभी निमित्त नहीं बनना चाहिए। जीवन में अपना सुधारने का प्रयास करते रहना चाहिए ताकि कल्याण हो सकता है।