बिडम्बना
उस एक के लिये बहुत दु:खी होते हैं, जो हजारों प्रार्थनाओं के बाद भी नहीं मिलता।
पर उन हजारों से सुखी नहीं होते, जो एक भी प्रार्थना के बिना हमको मिला है।
उस एक के लिये बहुत दु:खी होते हैं, जो हजारों प्रार्थनाओं के बाद भी नहीं मिलता।
पर उन हजारों से सुखी नहीं होते, जो एक भी प्रार्थना के बिना हमको मिला है।
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि यह बिडम्बना है कि लोग प़ार्थनायें करते रहते हैं और दुखी होते हैं। जीवन में जो विशुद्वी के भाव से प़ार्थना करते हैं,उनको बिना मांगे सब कुछ हासिल हो जाता है। अतः जीवन में विशुद्ध भाव से ही प़ार्थना करते रहना चाहिए।