मारणांतिक समुद्घात
जिन्हें अपने कर्मों पर भरोसा नहीं, उनके मारणांतिक समुद्घात होता है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
जिन्हें अपने कर्मों पर भरोसा नहीं, उनके मारणांतिक समुद्घात होता है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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One Response
समुद्वात का तात्पर्य वेदना आदि के निमित्त से मूल शरीर को छोड़ते हुए जीव के कुछ आत्म प़देश शरीर से बाहर निकल लेते हैं, उसे कहते हैं। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि जिन्हें कर्मों पर भरोसा नहीं, उनके मारणांतिक समुद्वात होता है जीवन में अपने कर्म सिद्धांत पर भरोसा करना चाहिए ताकि जीवन में उद्धार हो सकता है।