जिनवाणी

आचार्य कुंदकुंद जी ने लिखा है…. गणधर सम्यक् रूप से भगवान की वाणी को गूँथ कर जिनवाणी की रचना करते हैं।
सम्यक् यानि सच्चा/ जैसा सुना वैसा ही।

(कमल कांत)

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One Response

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि गणधर सम्यक् रुप से भगवान की वाणी को गूँथ कर जिनवाणी की रचना करते हैं! सम्यक् यानी सच्चा या जैसा सुना वैसा ही है! अतः जीवन का कल्याण करना हो तो जिनवाणी पर पक्का श्रद्वान होना परम आवश्यक है!

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