अशुद्ध आत्मा

अशुद्ध आत्मा तो अजीव से भी बदतर!
अजीव तो अपने स्वभाव/ गुणों को बनाये रखते हैं। अशुद्ध आत्मा स्वभाव/ गुणों का घात कर देती है।

चिंतन

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2 Responses

  1. चिंतन में अशुद्ध आत्मा को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए शुद्ध आत्मा रह सके प़यास करना परम आवश्यक है।

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