बाँध में पानी संग्रह किया जाता है, अनुग्रह के लिये।
परिग्रह में विग्रह है, आसक्ति है।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने परिग्रह एवं संग़ह को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए परिग्रह को समाप्त करना परम आवश्यक है।
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मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने परिग्रह एवं संग़ह को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए परिग्रह को समाप्त करना परम आवश्यक है।