Category: चिंतन

उतावली

आप चाहे कितनी भी उतावली कर लो/ दौड़ लो, दुनियाँ अपनी गति से ही चलती रहेगी। हड़बड़ी में काम खराब तथा कर्म बंध भी ज्यादा

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कर्मोदय

पुण्यकर्म के उदय से युवावस्था में मांसपेशियाँ आदि शक्ति/ सुंदरता देती हैं। वे ही पुण्य कम होने से वृद्धावस्था में दर्द/ बदसूरती। चिंतन

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ताना-बाना

कपड़ों की सारी डिजाइन ताने-बाने पर ही निर्भर करतीं हैं… सुंदर/ असुंदर। जीवन में इनका नाम रागद्वेष है। सुंदर…. अहिंसा, वीतरागता। चिंतन

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दृष्टि

दृष्टि 2 प्रकार की…. 1) Minimum को Maximum मानकर Maximum आनंद लेना। 2) Maximum को भी Minimum मानकर Minimum आनंद लेना। चिंतन

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सबका

जो परिवार में सबका, वह परिवार का मुखिया; जो समाज में सबका, वह गुरु; जो संसार में सबका, वह भगवान। चिंतन

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अच्छा/बुरा बुज़ुर्ग

घर में पेंट करते समय कारीगर ने रंग दिखा कर सहमति चाही। बुढ़ापे में वैसे तो नज़र भी कमज़ोर हो जाती है; दूसरा – अच्छे

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याद

सम्बंधियों को याद करोगे तो दु:ख होगा/ कर्मबंध होगा। यह कहना कि उनके गुणों को/ उपकारों को याद करते हैं, यह भी पूर्ण सत्य नहीं,

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निश्चितता

आप हर समय आल्हादित कैसे रह लेते हैं ? मैं क्यों नहीं रह पाता ? ————————- एन.सी.जैन-नोएडा क्योंकि जो तुम्हारे पास* है, वह मेरे पास

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पाँच उँगलियाँ

उँगलियाँ अलग-अलग Size, मोटाई, strength की क्यों ? सबसे छोटी उँगली कान की सफाई के लिये पतली, कम लंम्बी ताकि पर्दे को नुकसान न पहुँचे।

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लोभ

करोड़पति (बड़ा) बनने के लिये लखपतिपने (छोटे को/लोभ) को छोड़ना पड़ेगा। ऐसे ही संसार का लोभ/ आकर्षण छोड़ने पर ही मोक्ष प्राप्त हो सकेगा। चिंतन

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मंगल आशीष

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