Category: चिंतन
भाग्य/पुरुषार्थ
संसार सागर में कश्ती तो भाग्य की लहरों/हवा के सहारे ही चलती/पहुँचती है। पुरुषार्थ का काम तो बस डूबने से बचाने के लिये Balance बनाये
परोपकार / स्वार्थ
आम का पेड़ परोपकारी या स्वार्थी ? सबको मीठे-मीठे/स्वास्थवर्धक फल देता है, सो परोपकारी। पर इसके पीछे छिपा अभिप्राय – कि गुठलियों के बिखरने से
सजीव / निर्जीव
दोनों ख़ुद गिर सकते हैं (समय के साथ निर्जीव), दोनों दूसरों को भी गिरा सकते हैं (निर्जीव जैसे जंग, लोहे को)….निकृष्ट। पर सजीव बन भी
सुंदर जीवन
उपवन को सुंदर बनाये रखने के लिये सड़े/ सूखे/ असुंदर पत्तों को हटाना होता है। ऐसे ही जीवन में से सड़ी गली आदतों को हटा
वेग
बरसात आने से पहले बादलों के टुकड़े आ जाते हैं, बिजलियाँ कड़काते हैं, पर पानी नहीं बरसा पाते। उनमें वेग तो होता है, उपयोगता/सघनता नहीं।
पाप क्रियायें
घर में गंदगी/धूल दिन-रात आती रहती है, सफाई कई बार। जीवन में पाप क्रियायें हर समय, उनकी सफाई कम से कम एक बार तो भाव/प्रायश्चितपूर्वक
सफाई
कोरोना काल में बर्तन साफ करते समय महसूस हुआ कि – गंदे बर्तन जब साफ दिखते हैं तो मन को कितना अच्छा लगता है। ऐसे
अच्छाई / मोह
अच्छाई मोह से बड़ी होती है। आपके दो बच्चे हों, दोनों से मोह होगा। यदि एक में अच्छाईयाँ हैं तो मोह बढ़ेगा, दूसरे में नहीं
आनंद
प्राय: पूरा आनंद/सुंदरता लेने/देखने के लिये 14 दिन पूर्णमासी का इंतज़ार करते रहते हैं। चंद्रमा की हर कला/आकृति की सुंदरता का नित्य 15 दिन आनंद
अनुभय
ईसबगोल को गर्म पानी से लो तो कब्ज़ दूर, ठंडे से लो तो दस्त बंद। सादा पानी से लो तो ? पेट में जाकर प्रश्नचिन्ह
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