Category: चिंतन
संसार/मोक्षमार्ग
मोबाईल में दो कैमरे, एक आगे का फोटो खींचता है, दूसरा पीछे का । पर एक समय में एक और एक का ही । संसार
स्वानुभव
व्यापार उधारी से शुरू हो सकता है पर हमेशा चल नहीं सकता/प्रगति नहीं कर सकता है । चिंतन
स्वस्थ शरीर
शरीर में तीन अंग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं – पेट – ठीक रखने के लिये शुद्ध आहार दिमाग – ठीक रखने के लिये शुद्ध विचार
सामर्थ
पहलवान में सामर्थ, साधारण से बहुत ज्यादा, पर डरपोक । हम सब में भगवान जैसा बनने की शक्ति नहीं है क्या ? पर डरपोक हैं,
दूरी की अस्पष्टता
नीचे से किसी हवाई जहाज को देखें तो बहुत छोटा दिखायी देता है तथा रफ़्तार भी बहुत कम लगती है । ऐसे ही प्लेन वालों
आदत
एक ही शरीर में तीन अलग अलग आदतें हैं – सबसे ज्यादा सर्दी लगती है छाती को, उससे कम हाथ पैरों को, और सबसे कम
हार/जीत
युद्ध में राम जाते थे तो भावना जीतने की रहती थी, हराने की नहीं । इसीलिये वे कर्मों को जीतकर भगवान बन गये । साधारण
पुरुषार्थ/कृपा
व्यवसाय में पहले पैसा लगाते हो, मेहनत करते हो, तब फायदा होता है । बैंक में पैसा जमा करते हो, तब व्याज मिलता है । बिना
गुरू
शुद्ध घी तो घर का ही होता है, निकालना भी आता है, पर प्रमाद और समयाभाव से बाज़ार से लेते हैं । गुरू महनत करके
दौड़
पेंट शर्ट पहनना क्यों छोड़ दिया ? Race में दौड़ने वाले Uniform में रहते हैं, दर्शक दीर्घा में बैठने वाले नहीं । चिंतन
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