Category: चिंतन
कंजूस/मितव्ययी
कंजूस अपनी बचत तो करता है, दूसरों के खर्च कराता है । मितव्ययी जरूरत पड़ने पर सामर्थ के अंदर कितना भी खर्च करता है, पर
बड़ापन/बड़्प्पन
यूकेलिप्टिस का पेड़ बड़ा होता है, आम के पेड़ में बड़्प्पन है – फल आने पर झुक जाता है । चिंतन
अड़ियलपन
गाय पुजती क्यों, भैंस पिटती क्यों है ? कहावत याद करें – गयी भैंस पानी में । भैंस अड़ियल स्वभाव वाली होती है, इसीलिये पिटती/कटती
आचरण
चिड़ियाऐं इतने सुंदर सुंदर घोंसले बना लेतीं हैं । अपने बच्चों को घोंसला बनाना कैसे सिखातीं हैं ? वचनों से नहीं अपने आचरण से ।
संकल्प/विकल्प
संसारिक संकल्प जो करते हैं उनके विकल्प बहुत होते हैं । झूठ बोलने वालों के भी बहुत विकल्प होते हैं । संसारिक संकल्प तो झूठे
भगवान/सेवक
किसी कम्पनी का मालिक आपको किसी बड़े इनाम की घोषणा करता है या आपकी पदोन्नती करता है तो उसका आदेश तो मालिक खुद नहीं निकालता
भाषा/आचरण
जो भाषा बहुत मीठी और शिष्ट होती है उसके प्रयोग करने वाले प्राय: हिंसा में विश्वास रखते हैं । सो प्रधानता वचन की नहीं क्रिया
आकर्षण
लोभ जाग्रत कराने में आकर्षणता का भी सहयोग है । इसीलिये पहले समय में आकर्षक चीजों को ढ़ंककर सुरक्षा में रखते थे, आजकल प्रदर्शित करते
घड़ी
सैकिंड़ की सुई – विचार मिनिट की सुई – क्रियाऐं घंटे की सुई – उन्नति (आत्मोन्नति) सैल – आयु सैल समाप्त होने से पहले आत्मोन्नति
संग्रह
सबसे ज्यादा संग्रह मनुष्य ही करता है, चाहे वह चंदा हो या धन दौलत/परिग्रह । पाप/पुण्य का भी मनुष्य योनि में ही अधिकतम संग्रह होता
Recent Comments