Category: चिंतन

रागद्वेष

राग में पास बुलाना है, द्वेष में दूर करना है । इस खींचातानी में आत्मा में स्पंदन/Vibration होते रहते है, इससे कर्मबंध होता है ।

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सहायता

किसी की सहायता करते समय सोचो – “यह उसका आखिरी दिन है” ताकि अधिक से अधिक और मन से कर सको । सहायता करने के

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परिवर्तन

परिवर्तन तो आवश्यक है क्योंकि – अनुभवों के साथ जीवन को लगातार बेहतर बनाना चाहिये, यदि गैंहूँ में बदलाव नहीं किया तो उसमें घुन लगेगा

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पूजापाठ

बिना भावना के पूजापाठ एक Mechanical क्रिया है, जिसमें सिर्फ मशीन घिसती रहती है, Production बहुत कम । चिंतन

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धर्म/अधर्म

धर्म जब आरामतलबी की ओर बढ़ने लगता है, तब अधर्म की ओर मुँह कर लेता है । चिंतन

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धर्म में उत्साह

पहली बार टी.वी. सीरियल देखने पर मन नहीं लगता क्योंकि आप ना तो किरदारों को जानते हैं, ना कहानी । पर लगातार देखते रहने पर

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उधारी

सबसे ज्यादा उधारी बच्चों की माँ पर या माँ की बच्चों पर होती है, तभी तो सबसे ज्यादा कष्ट सहकर उन्हें संसार में लाती है

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मंगल आशीष

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