Category: चिंतन
फालतु
जो बातें/चीजें , बचपन/अज्ञानता में फालतु लगती थीं, बड़े होने/ज्ञान आने पर बहुत important लगने लगती हैं और जो पहले important लगती थीं, वो फालतु
आगमन
आगमन में ही ‘गमन‘ छुपा है, जन्म के समय ही मृत्यु निश्चित हो जाती है, सृजन के साथ विसर्जन अवश्यम्भावी है, ये नियम नहीं बदलते,
नियम
Majority को जो मान्य होता है वह नियम बन जाता है, नियम Majority के लिये होते हैं । चिंतन
उत्तम तप
इच्छाओं का निरोध ही तप है । दो तरह के लोग होते हैं – 1. खाने पीने और मस्त रहने वाले, ये दुर्गति को प्राप्त
उत्तम संयम
संयम का अर्थ है एक सशक्त सहारे के साथ हल्का सा बंधन । यह बंधन निर्बंध करता है । आज तो हम बिना ब्रेक की
उत्तम शौच
लोभ का उल्टा, जो जीवन को पवित्र करे । पवित्रता दो प्रकार की है – 1. शारीरिक – जो तपस्या से आती है । 2.
शाश्वत सहारा
ठंड ज्यादा थी सो रज़ाई के ऊपर लोई भी ड़ाल दी गयी । सुबह उठा तो मोटी रज़ाई तो थी, पर पतली लोई हट गयी
खोना/पाना
दृष्टि यदि सही हो तो संसार की कोई भी वस्तु खोने पर आप कुछ भी ‘खोते’ नहीं हैं, बल्कि ‘पाते’ हैं – शांति, आनंद, सुकून
Kinetic/Potential Energy
Kinetic Energy = पुरुषार्थ, Potential Energy = भाग्य। चिंतन
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