जो कह दिये, वह शब्द थे ….
जो नहीं कह सके, वह अनुभूतियां थीं !
और….
जो कहना है, फिर भी नहीं कह सकते, वह मर्यादा है !!
🌹🙏सुरेश🙏🌹
💦🌴💦🌴💦🌴💦🌴
रिश्तों में झुकना कोई अज़ीव बात नहीं,
सूरज भी तो ढल जाता है, चाँद के लिए !
जीवन के कुछ संबंध ऐसे होने चाहिए !!
(सुरेश)
मांगने पर तो मूल्यहीन वस्तुयें ही मिलतीं हैं जैसे भीख ।
बिनमांगे मूल्यवान जैसे वृक्ष से छाया/ अग्नि से उष्णता/ वर्फ से शीतलता/ फूल से सुगंधि तथा भगवान से कृपा,
बस उनसे निकटता बनानी होगी ।
घड़ी बंद करने से घड़ी तो बंद हो सकती है, पर समय नहीं;
झूठ छिपाने से झूठ तो छुप सकता है, पर सत्य नहीं ।
आचार्य श्री सन्मति सागर जी
माँ सोचती है… बेटा आज भूखा ना रहे,
पिता सोचता है कि बेटा कल भूखा ना रहे ।
बस यही दो सम्बन्ध ऐसे हैं संसार में, जिनका दर्जा भगवान् के बाद में आता है..!
🙏जय जिनेंद्र🙏
(सुरेश)
संसार ज़रूरत के नियम पर चलता है…
सर्दियों में जिस सूरज का इंतज़ार होता है,
उसी सूरज का गर्मियों में तिरस्कार भी होता है ।
अतः आपकी कीमत तब होगी,
जब आपकी ज़रूरत होगी ।
🙏🏼(धर्मेन्द्र)🙏🏻
और ज़रूरत होती है…गुणों से ।
यूँ ही नहीं होतीं हाथों की लकीरों के आगे उँगलियाँ…!
रब ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है…!!
(सुरेश)
शास्त्र मित्रवत पर गुरु शत्रुवत व्यवहार करते दिखते हैं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
सफलता की ऊंचाई पर हो तो धीरज ज़रुर रखना चाहिये,
क्योंकि…
पक्षी भी जानते हैं , कि आकाश में बैठने की जगह नहीं होती।
(दिव्या)
असल में वही जीवन की चाल समझता है…
जो सफ़र में आयी धूल को गुलाल समझता है ।
(अनुपम चौधरी)
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
“चाबी” से खुला “ताला” बार बार “काम” में आता है,
और
“हथौड़े” से “खुलने” पर दुबारा काम का नहीं रहता ।
इसी तरह “संबन्धों” के ताले को “क्रोध” के “हथौड़े” से नहीं बल्कि “प्रेम” की “चाबी” से खोलें।
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
(सुरेश)
घड़ी की सुईयाँ अपने नियम से चलती हैं,
इसलिए लोग घड़ी पर विश्वास करते हैं ।
आप भी नियम से चलोगे तो,
लोग आप पर भी विश्वास करेंगे ।
(सुरेश)
शरीर कभी भी पूरा पवित्र नहीं हो सकता,
फिर भी सभी इसकी पवित्रता की कोशिश करते रहते हैं !
मन पवित्र हो सकता है,
मगर अफ़सोस, कोई कोशिश नहीं करता..!
जिस पदार्थ को स्वयं जानते हैं, उस पदार्थ को भी गुरुजनों से पूछना चाहिए;
क्योंकि उनके द्वारा निश्चय को प्राप्त कराया हुआ पदार्थ परम सुख प्रदान करता है……………….. पद्मपुराण ।
(कल्पेश भाई)
Pages
CATEGORIES
- 2010
- 2011
- 2012
- 2013
- 2014
- 2015
- 2016
- 2017
- 2018
- 2019
- 2020
- 2021
- 2022
- 2023
- News
- Quotation
- Story
- संस्मरण-आचार्य श्री विद्यासागर
- संस्मरण – अन्य
- संस्मरण – मुनि श्री क्षमासागर
- वचनामृत-आचार्य श्री विद्यासागर
- वचनामृत – मुनि श्री क्षमासागर
- वचनामृत – अन्य
- प्रश्न-उत्तर
- पहला कदम
- डायरी
- चिंतन
- आध्यात्मिक भजन
- अगला-कदम
Categories
- 2010
- 2011
- 2012
- 2013
- 2014
- 2015
- 2016
- 2017
- 2018
- 2019
- 2020
- 2021
- 2022
- 2023
- News
- Quotation
- Story
- Uncategorized
- अगला-कदम
- आध्यात्मिक भजन
- गुरु
- गुरु
- चिंतन
- डायरी
- पहला कदम
- प्रश्न-उत्तर
- वचनामृत – अन्य
- वचनामृत – मुनि श्री क्षमासागर
- वचनामृत-आचार्य श्री विद्यासागर
- संस्मरण – मुनि श्री क्षमासागर
- संस्मरण – अन्य
- संस्मरण-आचार्य श्री विद्यासागर
- संस्मरण-आचार्य श्री विद्यासागर
Recent Comments