अंधों की बस्ती में, आँखों की महिमा गाओगे तो वे तुम्हारी आँखें फोड़ देंगे ।
वहाँ माध्यस्थ भाव रखें ।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

खून चढ़ाने से पहले ग्रुप मिलाया जाता है तभी जीवन की रक्षा होती है ।

अंतरजातीय विवाह में भी यदि संस्कार/संस्कृति मिलाली जांय तभी संस्कार/संस्कृति की रक्षा हो पायेगी ।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

क्या धार्मिक क्रियायें करने से पापोदय शांत होता है ?

धार्मिक क्रियायें करने से पुण्य मिलता है, पुण्य अर्जन से पापोदय शांत होता है ।
(जैसे जलन पर शीतल लेप)

मुनि श्री सुधासागर जी

शरीर स्वर्णयुक्त पाषाण है, मूल्यवान है ।
तपा लिया तो शुद्ध स्वर्ण निखर आता है, बहुमूल्य की प्राप्ति हो जाती है ।
निमित्त ना मिलने/पुरुषार्थ ना करने पर प्रथम अवस्था में ही पड़ा रहता है ।

चिंतन

भगवान और भाग्य का हमारे जीवन में Role कब आता है ?

जब हमारा Role समाप्त हो जाता है, तब उनका Role शुरू होता है ।
अपने को स्थिर रखना, हमारा Role है, परिस्थतियों को स्थिर रखना उनका ।

पर्यावरण की रक्षा की उत्कृष्ट साधना जैन संतों में दिखती है—
साधनों का कम से कम प्रयोग; अधिक से अधिक रक्षा,
यदि आहार लेते समय मुँह में बीज टूट जाये तो आहार छोड़ देते हैं/प्रायश्चित लेते हैं कि इस बीज में वृक्ष बनने की संभावना थी, वह मेरे निमित्त से समाप्त हो गयी ।

चिंतन

Archives

Archives

April 8, 2022

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930