चलनी ने सुई से कहा कि तेरे मुँह में छेद है ।
सुई – अपनी ओर तो देख ले, तेरे तो पूरे शरीर में छेद ही छेद हैं ।
जो अकल की बात को अकल में बैठा ले, वह अक्लमंद।
बुद्धू को अकल की बात बताओ तो उल्टा पड़ जाता है ।
तुम क्यों बता रहे हो ?
क्या मुझ में अकल नहीं है ?
क्या हम सब भी गुरूओं/भगवान की बातों को उल्टा नहीं ले रहे ?
चिंतन
मोक्षमार्ग दो ही हैं ।
1. साधना
2. आराधना
जब तक साधना नहीं कर पा रहे हो, तब तक आराधना तो करो ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
बाहर का कचड़ा ( अपशब्द, Criticism ) झेलने की आदत ड़ाल लो,
अंदर का कचड़ा अपने आप साफ होने लगेगा ।
चिंतन
Without GOD our days would be :
Sinday, Mournday, Tearsday, Wasteday, Thirstday, Fightday & Shatterday.
Remember 7 days without God makes 1 “WEAK”.
Happy Weekend
(Ms. Shuchi)
संघर्ष और तनाव कि वजह क्रमश: अहं और वहम है ।
अज्ञानी अधिक में कम बोलता है ( सार की बात कम ),
ज्ञानी कम में ज्यादा बोलता है,
ध्यानी मौन रहता है ।
The first 2 letters of ‘GOAL’ is ………GO
(Mr. Sarthak Garg)
चलने से ही Goal प्राप्त होता है
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की चातुर्मास स्थापना अतिशय क्षेत्र श्री बीना-बारहा जी जिला सागर (म.प्र.) में,
तथा
मुनि श्री क्षमासागर जी महाराज की चातुर्मास स्थापना शाहपुर जिला सागर (म.प्र.) में दिनांक 25जुलाई को संपन्न हुई ।
एक चोर को सेठ ने रात को चोरी करते हुये देख लिया ।
अगले दिन एक दावत में सेठ पंगत में बैठा, पास में ही वह चोर भी बैठा था । सेठ को शक हो गया ।
सेठ बार बार पूछता था – क्या रात को तू ही था ?
चोर सिर हिला कर मना करता रहा ।
मिष्ठान/पकवान परोसने वाले समझते कि इसे मिष्ठान/पकवान नहीं चाहिये और वे बिना परोसे आगे बढ़ते जाते ।
हम भी पूर्व के चोर हैं, मना करते रहते हैं और गुरूजन हितोपदेश ( मिष्ठान/पकवान ) बिना दिये आगे बढ़ जाते हैं ।
‘वर्ताव’ में बालक, ‘सत्य’ में युवा और ‘ज्ञान’ में वृद्ध बनो ।
सोने का प्रत्येक कण मूल्यवान होता है,
वैसे ही समय का प्रत्येक क्षण मूल्यवान होता है ।
इस बहुमूल्य समय को सोने में ना गवांये।
धर्म व्यक्तिगत साधना का है ,
पिछलग्गू बनने का नहीं ।
कब तक बच्चे बने अपनी माँ की ऊँगली पकड़कर चलते रहोगे!
Octopus पंचेद्रिय संज्ञी जीव होता है ।
TV News है कि जर्मनी का एक Octopus football world cup matches में सही भविष्यवाणी कर रहा है ।
आगम के अनुसार – कोई आपत्ति नहीं है ।
उसे अवधिज्ञान हो सकता है ।
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