Tag: सुरेश
निजानुभव
April 6, 2016
जिसे आप समझना चाहते हैं, उसके साथ आपको बैठना पड़ेगा; तभी आप उसे समझ पायेंगे। खुद के साथ मौन में बैठना शुरु करें। (सुरेश)
विड़म्बना
March 25, 2016
इंसान भी कैसा अजीव है …! जीते समय सोचता है कि कभी मरुँगा नहीं, मरते समय लगता है जैसे कभी जीया ही नहीं । (सुरेश)
भक्ति
March 18, 2016
छाछ में मक्खन हो तो कोई बाधा नहीं, लेकिन मक्खन में छाछ नहीं होनी चाहिए। कोयले में हीरा आ जाये तो कोई बाधा नहीं, लेकिन
सुनना
April 19, 2015
कटु शब्दों को एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल दें। प्रशंसा के लिये दोनों कान बंद कर लें। धर्म-चर्चा के लिये दोनों खुले रक्खें
Recent Comments