तैजस

तैजस दो प्रकार का होता है ।

  • निसरणात्मक :- जो शरीर के बाहर निकलता है, शुभ अथवा अशुभ ।
    इस क्रिया को समुद्घात भी कहते है
  • अनिसरणात्मक :- जो शरीर के बाहर नहीं निकले, यह शरीर में कांति, जठराग्नि तथा शरीर का Temperature Maintain करता है ।

पं. रतनलाल बैनाडा जी

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