देर से Reply देने के लिये क्षमा चाहते हैं । संसार के लिये हम दिन रात बंदोबस्त करते रहते हैं, पर मोक्ष जाने के लिये पुरूषार्थ नहीं करते, गुरू और भगवान की कृपा का इंतज़ार करते रहते हैं । Reply
2 Responses
Not clear,
somebody or author may elaborate.
Thanks.
Hari bol.
देर से Reply देने के लिये क्षमा चाहते हैं ।
संसार के लिये हम दिन रात बंदोबस्त करते रहते हैं, पर मोक्ष जाने के लिये पुरूषार्थ नहीं करते, गुरू और भगवान की कृपा का इंतज़ार करते रहते हैं ।