साधु
श्रावक तो सम्यग्दृष्टि हो सकता है पर साधु तो अनेक श्रावकों के लिये सम्यग्दर्शन का निमित्त है, इसलिये इनको अपना आचरण निर्दोष रखना ही होगा ।
मुनि श्री समयसागर जी
श्रावक तो सम्यग्दृष्टि हो सकता है पर साधु तो अनेक श्रावकों के लिये सम्यग्दर्शन का निमित्त है, इसलिये इनको अपना आचरण निर्दोष रखना ही होगा ।
मुनि श्री समयसागर जी