उत्पाद / व्यय
उत्पाद और व्यय में काल भेद कथंचित है जैसे स्वर्ण से हार बनते समय/ स्थूल रूप से/ व्यंजन पर्याय में,
पर अर्थ पर्याय में नहीं है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
उत्पाद और व्यय में काल भेद कथंचित है जैसे स्वर्ण से हार बनते समय/ स्थूल रूप से/ व्यंजन पर्याय में,
पर अर्थ पर्याय में नहीं है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
One Response
उत्पाद का मतलब द़व्य का अपनी पूर्व अवस्था को छोड़कर नवीन उत्पाद प्राप्त करना कहलाता है। जबकि व्यय का मतलब द़व्य का पूर्व पर्याय का विनाश होना कहलाता है। अतः मुनि श्री का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।