श्रद्धा
सागर असीम है पर हमें उतना ही पानी मिलता है, जितनी हमारी हथेली है,
ईश्वर की कृपा भी असीम है, पर उतनी ही मिलेगी जितनी हमारी श्रद्धा होगी |
(धर्मेंद्र)
सागर असीम है पर हमें उतना ही पानी मिलता है, जितनी हमारी हथेली है,
ईश्वर की कृपा भी असीम है, पर उतनी ही मिलेगी जितनी हमारी श्रद्धा होगी |
(धर्मेंद्र)