9 लब्धि
भोग तथा उपभोग लब्धियाँ पूर्णतया तीर्थंकरों को ही होती हैं। सामान्य केवलियों के भी पूरी 9 लब्धि होती हैं, पर अंतरंग।
मुनि श्री प्रणम्य सागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र- 2/6)
भोग तथा उपभोग लब्धियाँ पूर्णतया तीर्थंकरों को ही होती हैं। सामान्य केवलियों के भी पूरी 9 लब्धि होती हैं, पर अंतरंग।
मुनि श्री प्रणम्य सागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र- 2/6)
6 Responses
‘Baahya labdhiyan’ kaunsi hoti hain ?
पुष्प वृष्टि आदि।
Okay.
‘उपभोग लब्धियाँ’ ka example denge, please ?
रोज-रोज सुगंधित वायु का बहना।
It is now clear to me.