गुरु

चील ऊँचे पेड़ों पर घोंसले बनाती है ।
बच्चे बड़े हो जाते हैं तब घोसलों को तोड़ देती है ताकि बच्चे उड़ान भर सकें ।

(डॉ.पी.एन.जैन)

गुरु भी शुरु में आश्रय देते हैं, बाद में स्वाबलंबी बनाने, कठोरता से अलग कर देते हैं ।

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