कर्म की चाकरी
जैसे मज़दूर दिन-रात/हारी-बीमारी में भी मज़बूरी में मज़दूरी करता रहता है, ऐसे ही हम सब भी कर्मों की मज़दूरी करते रहते हैं ।
जैसे मज़दूर दिन-रात/हारी-बीमारी में भी मज़बूरी में मज़दूरी करता रहता है, ऐसे ही हम सब भी कर्मों की मज़दूरी करते रहते हैं ।
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One Response
कर्म की चाकरी तो हर प़ाणी मात्र को करना होता है क्योंकि हर प़ाणी पूर्व जन्म से लेकर आता है।अतः वर्तमान में अच्छे कर्म करना चाहिए जिससे अगले जन्म में भी उसका फल मिलेगा।वर्तमान में भी पूर्व जन्म के कर्मो को काटने का प़यास करना चाहिए जिससे वर्तमान एवं अगले जन्म में उसका अच्छा फल मिल सकता है।