साधु-चर्या
साधु-चर्या नित्य एक सी होते हुए भी उबाऊ नहीं,
क्योंकि अनुभूति नित्य नयी होती है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
साधु-चर्या नित्य एक सी होते हुए भी उबाऊ नहीं,
क्योंकि अनुभूति नित्य नयी होती है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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One Response
यह कथन सही है कि साधू-चर्या नित्य एक सी होती है। पर उनके द्वारा बैराग्य धारण करने से उनको उबाऊ नहीं होती है बल्कि उनको नित्य आनन्द की अनुभूति होती है।