रत्नत्रय

रत्नत्रय लेकर तो अगले भव में नहीं जा सकते,
पर रत्नत्रय के संस्कार लेकर जाते हैं और उन संस्कारों से अगले भव में भी रत्नत्रय धारण कर सकते हैं ।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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One Response

  1. रत्नत्रय—सम्यग्दर्शन, सम्यक्ज्ञान और सम्यक्चारित्र होने को कहते हैं।यह कथन सत्य है कि अगले भव में साथ लेकर नहीं जा सकते हैं लेकिन इनके संस्कार ही अगले भव में धारण कर सकते हैं।

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