आराधना
पूरी साल आराधना करना तो पढ़ाई है ।
पर जिस दिन आराधना ना हो पाये, उस दिन कितना अफसोस होता है/कितना प्रायश्चित लेता है, यह परीक्षा है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
पूरी साल आराधना करना तो पढ़ाई है ।
पर जिस दिन आराधना ना हो पाये, उस दिन कितना अफसोस होता है/कितना प्रायश्चित लेता है, यह परीक्षा है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
M | T | W | T | F | S | S |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 |
8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 |
22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 |
29 | 30 | 31 |
One Response
आराधना—सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र और तप, इन चारों का यथायोग्य रीति से पालन करना, इन्हें दृढ़ता पूर्वक धारण करना, इनके मंद पड़ जाने पर पुनःपुनः जागृत करना और जीवन भर पालन करना आराधना कहलाती है। असली आराधना तो साधु ही कर पाते हैं। बच्चे लोग साल भर पढ़ते हैं लेकिन भूल जाते हैं तो उनको परीक्षा के लिए बार बार याद रखने के लिए पुनःपुनः पढ़ना पड़ता है।