सोच का प्रभाव

फाँसी के सज़ायाफ्ता को कोबरा से कटवाकर मरवाने का प्रयोग किया ।
कोबरा छुलाकर कटवाने की जगह 2 पिन चुभा दिये गये ।
थोड़ी देर में व्यक्ति मर गया ।
हद तो तब हुई जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी ज़हर से मृत्यु घोषित हुई ।
सोच का इतना प्रभाव !!

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One Response

  1. यह कथन बिलकुल सत्य है कि जीवन में सोच का प़भाव बहुत अधिक होता है।धर्म में भावो का ही अधिक प़भाव रहता है।अतः जीवन में जैसी भावना उसका उसी प्रकार का फल मिलता है।
    जीवन में निर्मल भाव का सोच रखना चाहिए ताकि उसका फल निर्मल रह सकता है।

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