देव
मिथ्यादृष्टि, ग्रैवेयक जा सकता है पर सौधर्म/लोकपाल/प्रतींद्र नहीं बन सकता है ।
ऊपर वाले देव इनके देवर्द्धिदर्शन से सम्यग्दर्शन प्राप्त कर लेते हैं ।
मिथ्यादृष्टि, ग्रैवेयक जा सकता है पर सौधर्म/लोकपाल/प्रतींद्र नहीं बन सकता है ।
ऊपर वाले देव इनके देवर्द्धिदर्शन से सम्यग्दर्शन प्राप्त कर लेते हैं ।