उपशम भाव
चौथे गुणस्थान में उपशम सम्यग्दर्शन होने पर सम्यक्त्व के क्षेत्र में औपशमिक भाव होते हैं,
पर आठवें गुणस्थान से औपशमिक चारित्र आने पर औपशमिक भाव की पूर्णता (हर क्षेत्र में) मानी है ।
चिंतन
चौथे गुणस्थान में उपशम सम्यग्दर्शन होने पर सम्यक्त्व के क्षेत्र में औपशमिक भाव होते हैं,
पर आठवें गुणस्थान से औपशमिक चारित्र आने पर औपशमिक भाव की पूर्णता (हर क्षेत्र में) मानी है ।
चिंतन