शरीरों की वर्गणाऐं

यद्दपि सामान्य रूप से औदारिक, वैक्रियक व अहारक शरीरों का आहार वर्गणाओं से ही निर्माण कहा गया है ।
पर वास्तव में तीनों की वर्गणायें अलग अलग हैं ।
तीन वर्गणाओं के अग्राह्य वर्गणा द्वारा व्यवधान नहीं होने से, उनकी एक प्रकार की वर्गणा मानी गयी है ।

श्री धवला -14 (तत्वार्थ मंजूषा – 2/56)

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