भोगभूमि का आहार
स्वर्गों जैसी ही व्यवस्था – नियति अनुसार अमुक दिनों (भरत भूमि के दिन) के बाद आहार की उदीरणा होगी और उनको आहार लेना ही होगा,
क्योंकि भोगभूमि में पीड़ा/दु:ख हो नहीं सकता ।
आचार्य श्री विनिश्चयसागर जी
स्वर्गों जैसी ही व्यवस्था – नियति अनुसार अमुक दिनों (भरत भूमि के दिन) के बाद आहार की उदीरणा होगी और उनको आहार लेना ही होगा,
क्योंकि भोगभूमि में पीड़ा/दु:ख हो नहीं सकता ।
आचार्य श्री विनिश्चयसागर जी