त्रियंचों की संख्या
मायाचारी बढ़ रही है पर त्रियंचों की संख्या घट रही है, ऐसा क्यों ?
आजकल की मायाचारी भी बहुत घटिया किस्म की होती है इसलिये वे त्रियन्च भी घटिया किस्म के (कीड़े-मकोड़े) बनते होंगे ।
भांति भांति के Bacteria बहुत बढ़ ही रहे हैं ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी