सम्मान / आत्मसम्मान

सम्मान में झुकना, नम्रता और ऊंचाईयों की पहचान है..
लेकिन
आत्मसम्मान खो कर झुकना, ख़ुद को खोने के समान है..!

(सुरेश)

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One Response

  1. उक्त कथन सत्य है कि सम्मान में झुकना,नम़ता और ऊंचाईयों की पहिचान है लेकिन आत्मसम्मान खो कर झुकना, खुद को खोने के समान है। जीवन में सम्मान मिले या नहीं उसकी चिंता नहीं करना चाहिए, यदि ऐसा करता है तो उसका आत्मसम्मान कभी खोता नहीं है।

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