दर्शन / प्रदर्शन

प्रदर्शन आवश्यक क्यों ?

उच्च दर्शन के लिये उच्च प्रदर्शन आवश्यक होता है, जैसे भगवान का समवसरण !
ये कहना बेहतर होगा कि उच्च दर्शन वालों का उच्च प्रदर्शन हो ही जाता है ।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

Share this on...

One Response

  1. दर्शन- – 1- जो मोक्ष मार्ग को दिखावे, वह दर्शन है। मोक्ष मार्ग सम्यग्दर्शन, संयम और उत्तम क्षमादि धर्म रुप है।
    2 दर्शन का अर्थ मत है।
    3 जिसके द्वारा देखा जाए उसे दर्शन कहते हैं या वस्तु के आकार प्रकार को ग़हण न करके जो मात्र निर्विकल्प रुप सामान्य अवलोकन होता है, यह दर्शन प़योग कहलाता है।
    अतः उच्च दर्शन के लिए उच्च प्रदर्शन आवश्यक होता है जैसे भगवान और समवशरण। जीवन में स्वयं प़दर्शन की जरूरत नहीं होती है बल्कि वीतराग भगवान् के दर्शन को ही उच्च प़दर्शन कहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives

April 5, 2020

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031