हार जीत

जीत निश्चित हो तो अर्जुन कोई भी बन सकता है,
पर हार निश्चित हो तो, अभिमन्यु बनने का जो साहस रखते हैं, उनके नाम से पिता पहचाने जाते हैं ।

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One Response

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि जीवन में हार जीत तो होती रहती है लेकिन भाग्य भरोसे में नही रहना चाहिए बल्कि पुरुषार्थ करना आवश्यक है। अर्जुन जब युद्ध में बहुत विचार करते रहे थे कि जीत या हार होगी तब श्रीकृष्ण जी ने अर्जुन से कहा गया था कि कर्म सिद्धांत पर भरोसा करना चाहिए और जो धर्म की रक्षा मे होता है तो उसकी विजय निश्चित होती है।
    अतः जीवन में भाग्य भरोसे नहीं रहना चाहिए बल्कि पुरुषार्थ करना आवश्यक है ताकि अपने लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

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