क्षमा

क्षमा कैसे करें ?

बस क्षमा करके/बैर छोड़कर, उनसे भी जिनको पता ही नहीं कि तुम उनसे बैर करते हो ।

मुनि श्री अविचलसागर जी

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One Response

  1. क्षमा शब्द की जैन धर्म में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है,जो पुण्य प्राप्ति का अंग है और जीवन का कल्याण कर सकता हैं। अतः मुनि महाराज का कथन सत्य है कि क्षमा करके यानी बैर छोड़कर, उनसे भी जिनको पता नहीं रहता है कि तुम उनसे बैर करते हो। अतः जीवन में बैर की गांठ को दूर करने के लिए परोक्ष या अपरोक्ष में क्षमा भाव रखना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।

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