अनशन 9 प्रकार से किया जाता है…. मन के द्वारा, वचन के द्वारा, काय के द्वारा
और तीनों ही तीनों प्रकार से कृत, कारित, अनुमोदना द्वारा।
स्वाध्याय श्री भगवती आराधना- भाग 1, पृष्ठ 72 सान्निध्य आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने अनशन को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए अनशन को मन, वचन काय का ध्यान रखना परम आवश्यक है।
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने अनशन को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए अनशन को मन, वचन काय का ध्यान रखना परम आवश्यक है।