Category: 2017

परिणमन/परिवर्तन

परिणमन = परिवर्तन एक ही अवस्था में, परिवर्तन = एक अवस्था छूटने पर दूसरी अवस्था में जाना, जैसे मिथ्यात्व से सम्यक्त्व में जाना ।

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सम्मूर्च्छन मनुष्य

अल्पपरिग्रह आदि से मनुष्य आयु बंध होता है पर बाद में बहुपरिग्रह आदि से वे सम्मूर्च्छन वाले मनुष्य बनकर अल्प आयु पाते होंगे ।

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स्थावर

4 प्रकार के स्थावरों के शरीर अजीव/निर्जीव होते हैं (वनस्पति को छोड़कर) जैसे जलादि । ज्ञानशाला

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अचल प्रदेश

नाभी के 8 प्रदेशों में स्पंदन नहीं होता,पर उनमें कर्मों का आना जाना लगा रहता है ।

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वर्गणाऐं

वर्गणाऐं एक सी होती हैं पर पाप/पुण्य से उनमें विशेषता आ जाती है । जैसे काले शरीर में नोकर्म वर्गणाऐं काली बनकर आयेंगी, गोरे के

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सिद्धों की संख्या

आकाश से सिद्ध बनने वालों से धरातल के नीचे से संख्यात गुणे तथा उनसे भी संख्यात गुणे धरातल से । श्री हरिवंश पुराण (आकाश से

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मिथ्यात्व के टुकड़े

सम्यग्दर्शन होने के बाद या पहले, मिथ्यात्व के टुकड़े होते हैं ? 2 मत हैं -एक के अनुसार पहले तथा दूसरे के अनुसार सम्यग्दर्शन होने

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सिद्ध भगवान में दानादि

सिद्ध भगवान में दानादि (भोग, उपयोग) कैसे घटित करें ? ये दानादि, नाम कर्म के उदय से प्रकट/घटित होते हैं । सिद्ध भगवान में आज्ञा-विचय

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मंगल आशीष

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