Category: चिंतन
श्रद्धा / धर्म
श्रद्धा – संसार जीवों से ठसाठस भरा है। कुछ दृश्य, कुछ अदृश्य। धर्म – दृश्य की रक्षा और अदृश्य की रक्षा के भाव रखना। चिंतन
दिशा
बवंडर ख़ुद दिशाहीन/भ्रमित, औरों के भी विनाश में कारण। यदि हवा की दिशा निश्चित हो तो नाव को किनारे, सही दिशा में चलने वालों को
पूछताछ
ग्वालियर स्टेशन पर एक व्यक्ति Enquiry कर रहा था – आगरा जाने वाली गाड़ियाँ कितने-कितने बजे है। फ़िर झाँसी जाने वाली ट्रेनों के बारे में
बाल उड़ना
पहले आगे के बाल क्यों उड़ते हैं ? प्रकृति Indication देती है – आगे वाला समय (पहले वाला) उड़ गया, अब वह तो पकड़ में
पापोदय / लापरवाही
बाढ़ के वेग में डूबना unavoidable है, पर शांत जल में लापरवाही से डूबने की जुम्मेदारी ख़ुद की है। पापोदय में बीमारी आना समझ आता
Technology और धर्म
Technology और धर्म विरोधी नहीं, पूरक हैं – जैसे Social Media की ज्यादातर चीजें अविश्वसनीय होती हैं । यही तो धर्म कहता है – जो
रुचि
शुभ क्रियाओं में रुचि 3 प्रकार की – 1. कब पूरी होंगी ? – जघन्य/हल्की 2. पूरी तो नहीं हो जायेंगी – मध्यम 3. पूरी
सार्थक उम्र
बड़े-बड़े संत छोटी-छोटी उम्र में अपना और हजारों का कल्याण करके चले गये (जैसे गुरुवर श्री क्षमासागर जी)। भगवान महावीर को ज्ञान की प्राप्ति ४२
वृद्धावस्था
भोजन के बाद मिष्ठान्न क्यों ? ताकि भोजन के दौरान मिर्चीला/कषैला स्वाद अगले भोजन तक न बना रहे। वृद्धावस्था भी जीवन के अंत में आती
पड़ौसी का ध्यान
घुटना ठीक रखना हो तो ऊपर नीचे की मांसपेशियों की भी देखभाल करनी होगी। पड़ौस में बच्चे भूख से रो रहे हों तो तुम्हारा निवाला
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