धार्मिक कार्यों में दान भरी ज़ेब वाले ही करते हैं,
बिना ज़ेब (साधु) वालों की प्रेरणा/अशीर्वाद से,
खाली ज़ेब वाले तो खाली (ख़राब – ख़राब) बातें ही करते हैं ।

शानदार कोठी के बाहर बैठकर मालकिन भीख मांगती थी ।
कारण ?
बेटा चैक भेजता था उसे वह दीवार पर सजाती जाती थी ।
हम भी तो बहुमूल्य शास्त्रों की पूजा करते हैं, पर उन्हें कभी Encash किया ?

Archives

Archives

April 8, 2022

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930