सीप में पैदा हुआ मोती, हार/भगवान के लिये प्रयोग होता है,
जन्म-दात्री सीप नहीं !

मान्यतायें सबकी अलग अलग हो सकती हैं ।
सही/गलत का निर्णय प्रयोग (चारित्र) से ही हो सकता है ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

जीवन की हर समस्या ट्रैफिक की “लाल बत्ती” की तरह होती है
यदि हम थोड़ी देर प्रतीक्षा कर लें, तो वह हरी हो जाती है,
इसलिए धैर्य रखें, प्रयास करें,
समय तो जरूर बदलता ही है।

(सुरेश)

मन:स्थिति निर्मल है तो परिस्थिति क्या करेगी !
परिस्थिति कर्माधीन है, मनःस्थिति स्वाधीन ।
परिस्थिति बदलने में समय लगता है,
मनःस्थिति बदलने में क्षण मात्र ।

(मंजू)

बोल नपा-तुला होता है तो स्वादिष्ट लगता है,
ज्यादा होता है तो गड़बड़ी (अपच) होती है ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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