Give same respect what you deserve,
to even those who don’t deserve it.
Because it will be the respect to your character.

सबकी प्रथम गुरु आत्मा है ।
उसकी अंतरध्वनि को सुनना वरना वह सो जायेगी ।
यदि पहले से सोई हो तो ?
उसे जगाओ ।
कैसे ?
उससे पूछते रहो – यह काम किया, सही था या गलत !

प्राय : हम संस्कारों की सुनते हैं, अंतरात्मा की नहीं ।

बाई जी

इस साईट के प्रणेता- गुरूवर मुनि श्री क्षमासागर जी महाराज का आज समाधिमरण हो गया ।
पूज्य मुनि श्री ने पिछले दो दिनों से आहार नहीं लिया था ।
मुनि श्री भव्यसागर जी ने उन्हें अंतिम संबोधन दिया ।

हम सब आज के दिन को “क्षमा-दिवस” के रूप में मनायें और उन लोगों के प्रति विशेष रूप से क्षमा भाव रखें, जिनसे मन मुटाव हुआ हो ।

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क्रोध से दाग पड़ता है,
क्षमा आने पर दाग बढ़ना बंद हो जाता है,
प्रेम उस दाग को साफ कर देता है ।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

विध्यार्थीयों के दो समूहों में Clay के सुंदर बर्तन बनाने की प्रतिस्पर्धा करायी गयी।
जीतने वाले समूह के बर्तन सुंदर ही नहीं, संख्या में भी बहुत अधिक थे।

सफलता, सुंदरता और परिपक्वता ,महनत और अभ्यास से ही आती है।

(तोषिता)

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