लोग दूल्हे के तो आगे चलते हैं, पर अर्थी के पीछे।
दुनिया सुख में तो आगे रहती हैं, पर दुख में पीछे हो जाती है ।

(धर्मेंद्र-ग्वालियर)

नदियाँ देती ही रहती हैं इसलिए उनका पानी मीठा होता है।
समुद्र लेते ही रहते हैं इसलिए खारे हो जाते हैं।

देते रहेंगे तो मीठे लगेंगे,
लेते रहेंगे तो खारे ।

(आर.के.गुप्ता)

झुर्रीदार किशमिश लगातार पानी के सम्पर्क में रहने से फूलकर गोलमटोल हो जाती है तथा ऊपर उठ कर पानी की सतह पर तैरने लगती है ,
और पानी में भी किशमिश की मिठास आ जाती है।

चिंतन

गलती होने पर निरीह बनकर, क्षमा मत मांगो, दंड़ (प्रायश्चित) मांगो ।
ताकि उधारी (कर्मों की) समाप्त हो जाये, हिसाब बराबर हो जाये ।

मुनि श्री सुधासागर जी

सुप्रीम कोर्ट ने 1फरवरी से एक अहम् फैसला लागू किया है-
फैसलों तथा cause-lists की काॅपियाँ कम छापी जायेंगी।

सालाना बचत-
2100 पेड़ कटना
2 करोड़ रूपये
15 करोड़ लीटर पानी
3 store-room
Man-Power
पर्यावरण
कीड़ों की हिंसा ।

क्या हम सबको इस दिशा में नहीं सोचना चाहिए ?

दैनिक भास्कर-2/2/15

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