Purse में –
बचपन में माता पिता का photo,
युवा होने पर अपना,
शादी के बाद पत्नी,
पुत्र,
वृध्दावस्था में भगवान का।

पहले ही भगवान का लग गया होता,
तो जीवन से औरों के हटने/हटाने का दु:ख न भोगना पडता।

(श्री आर.के.गुप्ता)

किसान दाना बोते समय भूसे की इच्छा नहीं, दाने* की ही भावना भाता है ;
भूसा** तो अपने आप मिल जाता है ।
भूसे की कामना तो जानवर करते हैं ।

मुनि श्री कुंथुसागर जी


*दाना = मोक्ष ,
**भूसा = सांसारिक सुख

भक्त ,सूर्य देव (जो बादल से ढके हुये थे) को जल चढ़ा रहा था।
सूरज तो दिख नहीं रहे ?
अभी नहीं दिख रहे, पर हैं तो !
आज न सही, कल ,कल न सही ,परसों दिख जायेंगे!!

चिंतन

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