पेंट शर्ट पहनना क्यों छोड़ दिया ?

Race में दौड़ने वाले Uniform में रहते हैं,
दर्शक दीर्घा में बैठने वाले नहीं ।

चिंतन

सेठ हुकुमचंद्र जी के सात मिल थे, आठवें मिल खोलने से पहले उन्होनें अपनी पत्नी से सलाह ली ।
पत्नि – सात मिल सात नरक के कारण हो गये, अब आठवाँ खोल कर कहाँ जाओगे ?

ब्र. नीलेश भैया

प्रथमाचार्य श्री शांतिसागर जी ने अपनी मुनि अवस्था में 1920 से 1955 तक 35 वर्षों में, आहार सिर्फ 9 वर्ष 6 माह ही किया ।
(यानि 9938 दिन उपवास किये- मुनि श्री प्रमाण सागर जी 20-8-20)

चारित्र चक्रवर्ती

रुकते तो मेले में हैं, संसार के मेले में गति कहाँ ?
इसीलिये कहा है – रुकना मृत्यु है, मुक्ति से दूर होना है ।

गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी

मनुष्य कितना मूर्ख है :

प्रार्थना करते समय समझता है कि भगवान सब सुन रहा है, पर निंदा करते हुए ये भूल जाता है !
पुण्य करते समय यह समझता है कि भगवान देख रहा है, पर पाप करते समय ये भूल जाता है !
दान करते हुए यह समझता है कि भगवान सब में बसता है, पर चोरी करते हुए ये भूल जाता है !
प्रेम करते हुए यह समझता है कि पूरी दुनिया भगवान ने बनाई है, पर नफरत करते हुए ये भूल जाता है !
और हम कहते हैं कि मनुष्य सबसे बुद्धिमान प्राणी है !!

(श्री रवि सेठी)

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