If you want to be Trusted, be Honest.
If you want to be Honest, be True.
If you want to be True, Be Yourself.

✿ लोकतंत्र को बचाएँ ,मतदान करें और सभी से कराएँ ✿

शहीदों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश में लोकतंत्र की स्थापना की और आज हम उस लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए मतदान भी करने नहीं जाते हैं ।
हमारे देश के वीर शहीदों को यह देखकर कितनी पीड़ा होती होगी कि 60% लोग मतदान करने ही नहीं जाते हैं ।
इसप्रकार तो लोकतंत्र जीवित ही नहीं बचेगा।
40% में 30% तो लोग बिके रहते हैं अथवा दबाव में मतदान करते हैं, ऐसे में लोकतंत्र की जगह लोभतंत्र आ जायेगा, गुंडा लोगों का राज्य आ जायेगा।
जिस प्रकार जीने के लिए धड़कन की जरुरत होती है उसी प्रकार लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए शत प्रतिशत मतदान की आवश्यकता है।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

कंजूस अपनी बचत तो करता है, दूसरों के खर्च कराता है ।
मितव्ययी जरूरत पड़ने पर सामर्थ के अंदर कितना भी खर्च करता है, पर दूसरों की फिजूलखर्ची भी रोकता है ।

चिंतन

जिसमें याद ना आए वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की ?
बेशक इंसान को ऊँचाई तक जाना है,
पर जहाँ से अपने ना दिखें वो ऊँचाई किस काम की ?

(श्री संजय)

ख्वाहिशों से नहीं गिरते हैं फूल झोली में,
कर्म की शाख को हिलाना होगा ।
कुछ नहीं होगा कोसने से अंधेरे को,
अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना होगा ।

(श्री अरविंद)

‘प’ शब्द हमको बहुत प्रिय है ।
हम जिंदगी भर ‘प’ के पीछे भागते रहते हैं ।
जो मिलता है वह भी ‘प’ और
जो नहीं मिलता वह भी ‘प’ ।
पति- पत्नी- पुत्र -पुत्री -परिवार-
पैसा -पद-प्रतिष्ठा-प्रसंशा ।

‘प’ के पीछे पड़ते-पड़ते हम पाप करते हैं ,यह भी ‘प’ है ।

फिर हमारा ‘प’ से पतन होता है और
अंत मे बचता है सिर्फ ‘प’ से पछतावा ।

पाप के ‘प’ के पीछे पड़ने से अच्छा है
परमात्मा के ‘प’ के पीछे पड़ें..।

(श्री संजय)

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