Once a Bird asked a Bee: After constant hard-work, you prepare honey. But a man comes & steals it. Do you not feel sad ?
Wonderful reply by Bee: Never… Because only thing man can do is to steal ‘my honey’… not the ‘art of making honey’…
In this world, anyone can copy your CREATIONS but no one can copy your TALENT.
योगी जुड़ता नहीं, जुड़ाव को देखता है ।
भोगी जुड़ता है ।
ब्र. नीलेश भैया
मनुष्य कितना मूर्ख है :
प्रार्थना करते समय समझता है कि भगवान सब सुन रहा है, पर निंदा करते हुए ये भूल जाता है !
पुण्य करते समय यह समझता है कि भगवान देख रहा है, पर पाप करते समय ये भूल जाता है !
दान करते हुए यह समझता है कि भगवान सब में बसता है, पर चोरी करते हुए ये भूल जाता है !
प्रेम करते हुए यह समझता है कि पूरी दुनिया भगवान ने बनाई है, पर नफरत करते हुए ये भूल जाता है !
और हम कहते हैं कि मनुष्य सबसे बुद्धिमान प्राणी है !!
(श्री रवि सेठी)
Life is a game board.
Time is your opponent.
If you delay,you will loose the game.
महँगी से महँगी घड़ी पहन कर देख ली,
वक़्त फिर भी मेरे हिसाब से
कभी ना चला …!!”
If you want to be Trusted, be Honest.
If you want to be Honest, be True.
If you want to be True, Be Yourself.
✿ लोकतंत्र को बचाएँ ,मतदान करें और सभी से कराएँ ✿
शहीदों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश में लोकतंत्र की स्थापना की और आज हम उस लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए मतदान भी करने नहीं जाते हैं ।
हमारे देश के वीर शहीदों को यह देखकर कितनी पीड़ा होती होगी कि 60% लोग मतदान करने ही नहीं जाते हैं ।
इसप्रकार तो लोकतंत्र जीवित ही नहीं बचेगा।
40% में 30% तो लोग बिके रहते हैं अथवा दबाव में मतदान करते हैं, ऐसे में लोकतंत्र की जगह लोभतंत्र आ जायेगा, गुंडा लोगों का राज्य आ जायेगा।
जिस प्रकार जीने के लिए धड़कन की जरुरत होती है उसी प्रकार लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए शत प्रतिशत मतदान की आवश्यकता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
याचक की दृष्टि भिक्षा पर, गुनगान इष्ट* का ।
भक्त की दृष्टि तथा गुणगान इष्ट का ही ।
*देने वाला
मंदिर में आने का मतलब- उतनी देर के लिये संसार से दूर/संसार छूटना ।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
Each one may have several weaknesses,
but each one will have one particular strength,
that’ll overwrite all weaknesses.
Concentrate on it to succeed.
(Ms. Deepa – Mumbai)
कंजूस अपनी बचत तो करता है, दूसरों के खर्च कराता है ।
मितव्ययी जरूरत पड़ने पर सामर्थ के अंदर कितना भी खर्च करता है, पर दूसरों की फिजूलखर्ची भी रोकता है ।
चिंतन
जिसमें याद ना आए वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की ?
बेशक इंसान को ऊँचाई तक जाना है,
पर जहाँ से अपने ना दिखें वो ऊँचाई किस काम की ?
(श्री संजय)
If you fail to achieve your dreams,
change your ways Not your Principles.
Trees Changes their Leaves, Not Roots.
(Mr. Noona – Mumbai)
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